पंचायतें विकसित होंगी तभी विकसित रीवा का सपना साकार होगा : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा में पंच-सरपंच सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे अंतराल के बाद पंच-सरपंचों से संवाद का स्वागत योग्य अवसर आया है। रीवा जिले के प्रभारी मंत्री पटेल की पहल से ग्राम पंचायतों के विकास को गति मिलेगी। ग्राम पंचायतों का विकास होगा तभी रीवा का विकास संभव है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांव के विकास के लिए पर्याप्त राशि प्रदान कर रहे हैं। रीवा जिले में केवल जल जीवन मिशन से ही तीन हजार करोड़ रुपए के निर्माण कार्य मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना तथा आवास प्लस का 98 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो गया है। रीवा में लाखों गरीब परिवारों को इनसे पक्के आवास मिले हैं। बेसहारा गायों के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया गया है। गौशाला में प्रत्येक गाय के लिए प्रतिदिन 20 रुपए की राशि बढ़ाकर 40 रुपए कर दी गई है। स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए 3500 डॉक्टरों और 10 हजार चिकित्सा कर्मियों की भर्ती इस माह अक्टूबर माह तक पूरी कर ली जाएगी। उप स्वास्थ्य केन्द्र तक टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध हो गई है। पंचायत पदाधिकारियों की जो कठिनाईयाँ हैं उन्हें हल करके पंचायतों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम एवं रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर पंच परमेश्वर की कल्पना की थी। राष्ट्रपिता की परिकल्पना में पंचायतों का कर्तव्य महत्पूर्ण था। पंचायत राज अधिनियम में कर्तव्यों के स्थान पर ग्राम पंचायतों के अधिकारों को बल दिया गया। पंचायत पदाधिकारी अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर भी ध्यान दें। विवाद से विकास के कार्य संभव नहीं हैं। ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर और प्रशासनिक व्यवस्था से समन्वय बनाकर ही पंचायतों का विकास होगा। ग्राम पंचायतों को गांव की साफ-सफाई, सड़कों के निर्माण, कचरा प्रबंधन, गंदे पानी की निकासी, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, शिक्षा के विकास, जल संरक्षण के कार्य तथा सामाजिक विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। पंचायत पदाधिकारियों से मैं लगातार संवाद कर रहा हूँ। ग्राम पंचायत की वास्तविकताओं का मुझे पूरा एहसास है।
प्रभारी मंत्री पटेल ने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरपंचों की 15 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है। 15वें वित्त आयोग में हर पंचायत को पर्याप्त राशि दी जा रही है। राज्य वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों को 1400 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। पंचायतों में अब राशि की कोई कमी नहीं है। हम जिस तरह अपने परिवार का वित्तीय प्रबंधन करते हैं उसी तरह ग्राम पंचायत का भी वित्तीय प्रबंधन करना होगा। ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी पंचायतों के विकास की मंशा से कार्य कर रहे हैं। इनमें यदि कोई लापरवाही बरतेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरपंच और जनपद सदस्य अपनी कठिनाईयों से अवश्य अवगत कराएं। इन कठिनाईयों को दूर करके ही पंचायतों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। विकास के कार्य में राशि की कोई कमी नहीं है। भवन विहीन सभी ग्राम पंचायतों को बिना मांगे पंचायत भवन तथा सामुदायिक भवन दिया जा रहा है। पंचायत भवन जो 30 से 40 साल पुराने हो गए हैं उन्हें भी समिति से परीक्षण कराकर उसकी रिपोर्ट के अनुसार नया भवन दिया जाएगा। प्रभारी मंत्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रत्येक पंचायत पदाधिकारी और आमजन सक्रिय भूमिका निभाएं। नदियों के उद्गम स्थल को स्वच्छ बनाएं। अपने गांव के नदी और तालाबों की भी साफ-सफाई अवश्य करें। हैण्डपंपों में रिचार्ज पिट बनवाएं जिससे उनके स्रोत में पानी की कमी न रहे।
अध्यक्ष जिला पंचायत नीता कोल ने कहा कि विवादों और नकारात्मक बातों को छोड़कर हम सब मिलकर पंचायतों और जिले के विकास के लिए प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार तथा रीवा में कोल मंगल भवन देकर अनुसूचित जनजाति का मान बढ़ाया है। पंच-सरपंच सम्मेलन में सरपंच भमरा ने पंचायतों की कठिनाईयों तथा सरपंच अजगरहा भूपेन्द्र सिंह ने नल जल योजना की सफलता की बात रखी। सम्मेलन में विधायक सेमरिया अभय मिश्रा, विधायक मनगवां नरेन्द्र प्रजापति, कलेक्टर प्रतिभा पाल, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेहताब सिंह गुर्जर, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, सरपंच एवं बड़ी संख्या में पंचगण उपस्थित रहे।